मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर विवाद खड़ा हो गया है। एक ही परीक्षा केंद्र से सात टॉपर्स के आने के बाद परीक्षार्थी नाराज हैं और सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) की ओर से आयोजित ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) व पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर विवाद खड़ा हो गया है। एक ही परीक्षा केंद्र से अधिकांश लोगों का चयन होने पर उज्जैन के परीक्षार्थी नाराज हो गए और उन्होंने बड़ी संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन कर परीक्षा दोबारा करवाने की मांग की।
सवालों के घेरे में परीक्षा केंद्र
पटवारी परीक्षा के टॉप-10 लिस्ट के सात उम्मीदवारों ने ग्वालियर के एक ही परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी। यह परीक्षा केंद्र जिस कॉलेज में बना था, वह भिंड के भाजपा विधायक संजीव कुशवाहा का है। विधायक के सेंटर से सात टॉपर होने पर उज्जैन में इसका विरोध देखने को मिला। उम्मीदवारों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की है। पटवारी परीक्षा में घोटाले का आरोप लगाते हुए विरोध में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने उज्जैन जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के विरुद्ध नारेबाजी की और शासन के नाम निष्पक्ष व उच्च स्तरीय जांच के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। आक्रोशित परीक्षार्थियों ने कहा कि निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो आगामी दिनों में भोपाल में प्रदेश स्तरीय आंदोलन करेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को वोट भी नहीं देंगे। परीक्षार्थियों ने कहा कि साल-साल भर मेहनत करते हैं और ये हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कई परीक्षार्थी दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी मुश्किल से परीक्षा देने भी पहुंचते हैं। ऐसे में यह बेहद ही दुखद है कि चंद पैसों के लालच में सीटें बेचने का काम कुछ जिम्मेदार कर रहे हैं।
टॉपर्स के नंबर पर भी उठे सवाल
परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 (पटवारी) परीक्षा परिणाम में घोटाला हुआ है। जिस प्रकार से परीक्षा परिणाम में टॉप 10 में से सात छात्रों का परीक्षा केंद्र कॉलेज ग्वालियर से है। जिसमें ज्यादातर टॉपर्स एक ही परीक्षा केंद्र से है। इतने टॉपर का एक ही कॉलेज से आना घोटाला होने की ओर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। दिलचस्प बात तो यह है कि संयुक्त परीक्षा केंद्र के इतने कठिन पेपर में अन्य परीक्षा केंद्रों के अभ्यर्थी जहां 140 नंबर नहीं ला पाए वहीं कथित तौर पर एनआरआई कॉलेज ग्वालियर के इस केंद्र के अभ्यर्थियों ने 188 अंक तक हासिल किए हैं। मध्यप्रदेश शासन से मांग करते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए।
सवालों के घेरे में परीक्षा केंद्र
पटवारी परीक्षा के टॉप-10 लिस्ट के सात उम्मीदवारों ने ग्वालियर के एक ही परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी। यह परीक्षा केंद्र जिस कॉलेज में बना था, वह भिंड के भाजपा विधायक संजीव कुशवाहा का है। विधायक के सेंटर से सात टॉपर होने पर उज्जैन में इसका विरोध देखने को मिला। उम्मीदवारों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की है। पटवारी परीक्षा में घोटाले का आरोप लगाते हुए विरोध में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने उज्जैन जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के विरुद्ध नारेबाजी की और शासन के नाम निष्पक्ष व उच्च स्तरीय जांच के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। आक्रोशित परीक्षार्थियों ने कहा कि निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो आगामी दिनों में भोपाल में प्रदेश स्तरीय आंदोलन करेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को वोट भी नहीं देंगे। परीक्षार्थियों ने कहा कि साल-साल भर मेहनत करते हैं और ये हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कई परीक्षार्थी दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी मुश्किल से परीक्षा देने भी पहुंचते हैं। ऐसे में यह बेहद ही दुखद है कि चंद पैसों के लालच में सीटें बेचने का काम कुछ जिम्मेदार कर रहे हैं।
टॉपर्स के नंबर पर भी उठे सवाल
परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 (पटवारी) परीक्षा परिणाम में घोटाला हुआ है। जिस प्रकार से परीक्षा परिणाम में टॉप 10 में से सात छात्रों का परीक्षा केंद्र कॉलेज ग्वालियर से है। जिसमें ज्यादातर टॉपर्स एक ही परीक्षा केंद्र से है। इतने टॉपर का एक ही कॉलेज से आना घोटाला होने की ओर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। दिलचस्प बात तो यह है कि संयुक्त परीक्षा केंद्र के इतने कठिन पेपर में अन्य परीक्षा केंद्रों के अभ्यर्थी जहां 140 नंबर नहीं ला पाए वहीं कथित तौर पर एनआरआई कॉलेज ग्वालियर के इस केंद्र के अभ्यर्थियों ने 188 अंक तक हासिल किए हैं। मध्यप्रदेश शासन से मांग करते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए।
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